बिकता है हर दर्द दुनिया के बाजार में
कोई बेचता है किताबो में किसी का बिक रहा अखबार में
दर्द की कीमत तो उस ख़रीदार से जानो
जिसकी लुट गयी खुशियाँ किसी की ऐतबार में
written by Vratika Singh
कोई बेचता है किताबो में किसी का बिक रहा अखबार में
दर्द की कीमत तो उस ख़रीदार से जानो
जिसकी लुट गयी खुशियाँ किसी की ऐतबार में
written by Vratika Singh
No comments:
Post a Comment