Friday, October 2, 2015

बिकता है हर दर्द दुनिया के बाजार में
कोई बेचता है किताबो में किसी का बिक रहा अखबार में 
दर्द की कीमत तो उस ख़रीदार से जानो 
जिसकी लुट गयी खुशियाँ किसी की ऐतबार में

written by Vratika Singh

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