Friday, October 2, 2015

बड़ी बेरहम है याद तेरी ए बेवफ़ा
तू आ कर तो देख मेरा हाल एक दफा
दर्द का आलम न पूछ मुझसे ए ग़ालिब 
भूल गए है खुशियाँ ढूंढ लाने का फ़लसफ़ा

Written by Vratika Singh
बिकता है हर दर्द दुनिया के बाजार में
कोई बेचता है किताबो में किसी का बिक रहा अखबार में 
दर्द की कीमत तो उस ख़रीदार से जानो 
जिसकी लुट गयी खुशियाँ किसी की ऐतबार में

written by Vratika Singh
तुझे देख देख जी रहे है ।
तेरे नैनों से मय पी रहे है ।
तू ही मेरी हर आरज़ू है ।
तू ही मेरी हर ज़ुस्तज़ू है ।
तेरे बिन सब सुना सा लगता है ।
वक़्त भी अनमना सा लगता है ।
तेरी ही ख्वाईश की है मैंने हर लम्हा ।
तुझ बिन भीड़ में भी होते है हम तन्हा ।
आज तेरे लव्ज़ो ने अपार ख़ुशी दी है ।
आज मेरे गमो ने सारे खुदकुशी की है ।
ज़िन्दगी में नए पन्नों को सीं रहे है ।
अब तो तुझे देख कर ही जी रहे है ।