Friday, October 2, 2015

तुझे देख देख जी रहे है ।
तेरे नैनों से मय पी रहे है ।
तू ही मेरी हर आरज़ू है ।
तू ही मेरी हर ज़ुस्तज़ू है ।
तेरे बिन सब सुना सा लगता है ।
वक़्त भी अनमना सा लगता है ।
तेरी ही ख्वाईश की है मैंने हर लम्हा ।
तुझ बिन भीड़ में भी होते है हम तन्हा ।
आज तेरे लव्ज़ो ने अपार ख़ुशी दी है ।
आज मेरे गमो ने सारे खुदकुशी की है ।
ज़िन्दगी में नए पन्नों को सीं रहे है ।
अब तो तुझे देख कर ही जी रहे है ।

No comments:

Post a Comment